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बिहार से कॉमिकस्तान तक: श्रेया प्रियम रॉय की प्रेरक यात्रा, Shreya Priyam Roy Life Story

Shreya Priyam Roy Life Story

Shreya Priyam Roy Life Story: स्टैंड-अप कॉमेडी में एक बार जो कदम रखा, तो श्रेया प्रियम रॉय ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पटना से दिल्ली, कॉमिकस्तान के मंच तक का सफर? सीधा था? बिल्कुल नहीं। लेकिन ये सफर सीखने, गिरने, उठने और मुस्कुराने का एक बेहतरीन उदाहरण है।

Shreya Priyam Roy Life Story

Shreya Priyam Roy Life Story

दिल्ली आने की वजह? यूपीएससी या कुछ और?

श्रेया का सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने पटना से दिल्ली जाने का फैसला किया। कारण? यूपीएससी की तैयारी, या शायद यह उनके माता-पिता को बताए गए उनका “कवर प्लान” था। असल में, उनका असली सपना था स्टैंड-अप कॉमेडी। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज में पढ़ने आईं, और साउथ कैंपस की हलचल भरी दुनिया का हिस्सा बन गईं।

कॉलेज के दिनों में, वे सत्यनिकेतन के फेमस मोमोज खाती थीं और एक फ्रीलांस जॉब्स भी करती थीं ताकि दिल्ली में अपने खर्चे चला सकें। उन्होंने TVF में सेट डिजाइनिंग का काम किया—जानकारी के लिए? यूट्यूब देखकर सीखी गई स्किल्स के साथ।

कॉमेडी की दुनिया में पहला कदम

कॉलेज में, श्रेया ने कॉमेडी करना शुरू किया। पहली बार आईआईटी बॉम्बे के “मूड इंडिगो” में प्रतियोगिता में भाग लिया। माइक के सामने खड़े होने का डर? ज़ाहिर है, डर था। लेकिन वही डर बाद में उनके आत्मविश्वास की नींव बना। लास्ट मिनट में लिखे उनके शुरुआती जोक्स ने भले ही उन्हें जीत दिलाई न हो, लेकिन उन्होंने उन्हें मंच पर खड़ा होना सिखाया।

कॉमिकस्तान – असफलता से सफलता तक

श्रेया ने पहले कॉमिकस्तान सीजन 2 के लिए कोशिश की। परिणाम? सिलेक्शन नहीं हुआ। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने हर दिन ओपन माइक पर जाने और खुद को बेहतर बनाने का फैसला किया। 15 दिनों में जितनी मेहनत की, वह उनकी मेहनत की गहराई को दर्शाती है। बाद में, कॉमिकस्तान सीजन 3 में श्रेया का सिलेक्शन हुआ। यह पल उनके कॉमेडी करियर का बड़ा मोड़ था।

परिवार, ट्रोल्स और कॉमेडी

श्रेया का परिवार? परंपरागत लेकिन सपोर्टिव। उनकी माँ ने उनकी लाइव परफॉर्मेंस देखी और हर जोक पर ताली बजाई। पिता अभी भी क्लासिक भारतीय पेरेंट की तरह कॉमेडी को “समझ” नहीं पाते, लेकिन बेटी की मेहनत और आत्मनिर्भरता पर गर्व है।

और ट्रोल्स? इंटरनेट पर ट्रोल्स से कौन बचा है? श्रेया ने इसका सामना हंसी और सकारात्मकता से किया। उनका मानना है कि अगर कॉमेडी हंसी नहीं लाई, तो शायद वह सिर्फ उनके लिए नहीं बनी थी।

कॉमेडी के आगे के सपने

श्रेया का सपना सिर्फ स्टैंड-अप तक सीमित नहीं है। वह एक मॉकुमेंट्री बनाने की योजना बना रही हैं—ऐसी वीडियो जो लंबी, डिटेल्ड और अधिक कनेक्टेड हो। हालांकि, उसके लिए टीम और रिसोर्सेज चाहिए, जो अभी काम प्रोग्रेस में है।

रियलिटी TV और फिटनेस की बातें

श्रेया टीवी पर बिग बॉस और शार्क टैंक जैसे रियलिटी शो की फैन हैं। उनके पसंदीदा शार्क हैं विनीता सिंह, जिन्हें श्रेया उनके नंबर्स और एनालिटिकल स्किल्स के लिए पसंद करती हैं।

फिटनेस? श्रेया कोशिश करती हैं। दौड़ना, योगा करना, और बैडमिंटन खेलना उनके शौक हैं। पर आखिर में, खाना उनका असली प्यार है। इंदौर के 56 दुकान और गुजराती थाली का जिक्र करना न भूले।

इंस्पिरेशन: हमेशा आगे बढ़ने की चाह

श्रेया की कहानी हमें सिखाती है: अपने सपनों का पीछा करने के लिए रिस्क लेना ज़रूरी है। और हां, गिरते-उठते आगे बढ़ते जाना ही मायने रखता है। उनके जैसा जुनून, अपने डर से लड़ना और जिंदगी में मज़े करते हुए आगे बढ़ना—यही असली प्रेरणा है।

श्रेया के शब्दों में ही कहें तो, “जिंदगी को हल्के-फुल्के मज़ाक और भारी-भरकम सपनों के साथ जी लेने दो। कभी न कभी शो तो हिट होना पक्का है!”

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